मानव मस्तिष्क का विकास(evolution of the human brain)
"मानव मस्तिष्क" हमारे दिमाग का विज्ञानीय नाम है। मानवीय मस्तिष्क हमारे व्यक्तित्व, विचार, मनमाने, स्मरण, अनुभव, तंत्रिका, तथा अन्य मानवीय सक्षमताओं के निर्माण, प्रवर्तन, विवरण व व्यवस्थापन का क्षेत्र होता है।
मस्तिष्क हमारे शरीर में स्थित होने के बावजूद, हमारे संभावनों, विचारों, भावनाओं और प्रतिक्रियाओं के विवरण के क्षेत्र में होता है। मस्तिष्क हमारे जीवन के अनेक हिस्सों जैसे मनस्तिष्कता, मनमोह, मनोरोग, मनोबुद्धि, विवेक, आत्मसम्मान, आदतें, विश्वास तथा मनोभाव को निर्माण, प्रवर्तन व व्यवस्थापन का क्षेत्र होता है।
इसे निर्धारित नहीं किया जा सकता है कि हमारे मस्तिष्क का क्या स्थान है या कैसे वह काम करता है, लेकिन यह पता है कि मस्तिष्क हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है।
वैज्ञानिक अनुसंधान ने दिमाग के विज्ञान को और अधिक उन्नयन प्रदान किया है, जो हमें मस्तिष्क के तंत्र व व्यवस्था के बारे में अधिक जानने की अवसर प्रदान करती है। वहीं, बौद्धिक शास्त्रों तथा मनोविज्ञान जैसे यौगिक विद्वानों ने हमारे मस्तिष्क के अंदर छुपी हुई शक्तियों व क्षमताओं के बारे में विवेचन किए हैं।
समय-समय पर, वैज्ञानिक अनुसंधान मस्तिष्क से जुड़े विविध विषयों पर जारी होते हैं, जैसे मनोविज्ञान, मनोरोग व उनके उपचार, बुद्धिहीनता, स्मरण तथा विविध मनोविज्ञानी विषयों पर।
मस्तिष्क में आवाज आना (noise in brain)
मस्तिष्क में आवाज आना एक महत्वपूर्ण विषय है। यह एक स्वतंत्र स्थिति है, जब व्यक्ति को अपने अंदर सुनने वाले आवाजों के बारे में जानकारी मिलती है। ये आवाजें कभी-कभी व्यक्ति के मन में सुने जाने वाले मनमोहक विचारों से होते हैं, जो व्यक्ति के मन में हमेशा विद्यमान रहते हैं। ये आवाजें भी व्यक्ति के मन में उत्पन्न होने वाली उत्साहविवरणों और कल्पनाओं से हो सकते हैं।
इसके अलावा, मस्तिष्क में आवाज आने के पीछे कुछ मामलों में मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं या मानसिक विकारों की वजह भी हो सकती है। जैसे, अविश्वास, व्यापक चिंता, तनाव, मानसिक अस्थितियों जैसे व्यापक निराशा, वैवाहिक गतिविधियों से संबंधित चिंता आदि। मस्तिष्क में आवाज आने के कारण को स्पष्ट करने और उन्हें हल करने के लिए मनोवैज्ञानिक सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।
मस्तिष्क रोग के लक्षण (symptoms of brain disease)
1 मस्तिष्क रोग के लक्षण व्यक्ति विविध हो सकते हैं, लेकिन कुछ आम लक्षण हैं:
2 मनोवैज्ञानिक उत्तेजन: व्यक्ति को चिंता, तनाव, विवाद, विवरणी, उत्तेजन के साथ महसूस करने में दुख हो सकता है।
3 तनाव और अविश्वास: व्यक्ति अपने अनुभवों, विचारों, विवरणों और भविष्य की चिंताओं के कारण तनाव में हो सकते हैं।
4 मनोबैद्यता: व्यक्ति को अनुभवों, विचारों, विवरणों, विवादों और मनोबैद्यता से पीड़ा होती है।
5 स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं: मस्तिष्क रोग व्यक्ति के तनाव, चिंता, तनाव और अन्य मानसिक प्रतिक्र
6 र्थियों के कारण व्यक्ति के शरीर में अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे की ऊँची रक्त ताकत, ब्लड प्रेशर के बदलेने, पेट में दर्द, स्वप्न दुखने और नपुंसकता।
7 समृद्धि की कमी: व्यक्ति को काम, समुदाय, व्यवहार, व्यापार, शैक्षणिक प्रगति और व्यक्तिगत समृद्धि की कमी होती है।
8 ये सभी लक्षण व्यक्ति के विविध महत्वपूर्ण तंत्रों, मस्तिष्क और शरीर के विविध अंगों के प्रति असरकारी हो सकते हैं।
मस्तिष्क रोगों का उपचार (treatment of brain diseases)
दवाईयों के उपयोग से: कुछ मस्तिष्क रोगों को दवाईयों के उपयोग से उपचार किया जा सकता है, जैसे की एंटीडिप्रेशन और एनोवेपी दवाईयों।
स्थाई उपचार: कुछ मस्तिष्क रोगों को स्थाई उपचार के माध्यम से उपचार किया जा सकता है, जैसे की पेटवियों के चिकित्सा, अक्सरक तथा अन्य स्थाई उपचार।
मानसिक थ्रेपी: मानसिक थ्रेपी, जैसे की कल्पना तथा प्रतिक्रिया थ्रेपी, कुछ मस्तिष्क रोगों को ठीक करने में मदद कर सकती है।
व्यायाम तथा मैद्यनीकरण: व्यायाम और मैद्यनीकरण, जैसे की हाथ, पैरों, श
खरीदी और पेट मैद्यनीकरण, मस्तिष्क स्वस्थता और सुख में मदद कर सकते हैं।
योग तथा ध्यान: योग और ध्यान, जैसे की ध्यान कोंदणी, मस्तिष्क तथा शरीर की ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
व्यवहारिक थ्रेपी: व्यवहारिक थ्रेपी, जैसे की कॉन्सलिंग, नैतिक तथा व्यवहारिक कुशलताओं को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
इलेक्ट्रोकॉनवेयर थ्रेपी: इलेक्ट्रोकॉनवेयर थ्रेपी, जैसे की व्यवहारिक तथा कैम्ब्रिक व्यवहारिक थ्रेपी, मस्तिष्क तथा शरीर के लिए लाभकारी हो सकती है।
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