माइग्रेन रोग क्या है या (आधे सिर में दर्द)
इस रोग से पीड़ित रोगी के सिर में बहुत तेज दर्द होता है तथा यह दर्द सिर के दाएं या बाएं किसी एक भाग में सिर मे बहुत तेज दर्द उत्पन्न होता है। जिस से रोग का पुरा शरीर बेचैन हो जाता है और शरीर मे रक्तचाप दाब की मात्रा घट ज़ाती है और जिस से रोगी मे एनर्जी की मात्रा कम हो जाती है जिससे रोगी का शरीर में अनेक प्रकार की बीमारी उत्पन्न होने लगती है। और रोगी का शरीर भी कमजोर होने लगता है। माइग्रेन बीमारी का इलाज जल्द से जल्द करा लेना चाहिए। अगर रोगी ने इस बीमारी का इलाज। जल्द से जल्द नहीं कराया तो अनेक प्रकार की बीमारी उत्पन्न होने लगेगी माइग्रेन रोग का इलाज तो कई प्रकार किया जाता है कई स्थान पर तो प्राकृतिक अयुवैदिक चिकित्सा माइग्रेन का इलाज किया जाता है और होम्योपैथिक इलाज से भी माइग्रेन रोग का इलाज किया जा सकता है। प्राचीन काल के अनुसार टोटका से भी माइग्रेन रोग का इलाज किया जा सकता है
माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग होने का लक्षण:-
इस माइग्रेन के लक्षण रोग से पीड़ित रोगी के सिर के आधे भाग में तेज दर्द होता है तथा सिर में दर्द होने के साथ-साथ रोगी को उल्टी होने की इच्छा भी होती है। इसके अलावा रोगी को चिड़चडाहट तथा दृष्टिदोष भी उत्पन्न होने लगता है। इस रोग का प्रभाव अधिकतर निश्चित समय पर होता है।
माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग होने का कारण-
1. माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग रोगी व्यक्ति को दूसरे रोगों के फलस्वरूप हो जाता है जैसे- नजला, जुकाम, शरीर के अन्य अंग रोग ग्रस्त होना, पुरानी कब्ज आदि।
2. स्त्रियों को यदि मासिकधर्म में कोई गड़बड़ी हो जाती है तो इसके कारण स्त्रियों को माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।
3. आंखों में दृष्टिदोष तथा अन्य रोग होने के कारण भी माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।
4. यकृत (जिगर) में किसी प्रकार की खराबी तथा शरीर में अधिक कमजोरी आ जाने के कारण व्यक्ति को माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।
5. असंतुलित भोजन का अधिक उपयोग करने के कारण रोगी को माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो सकता है।
6. अधिक श्रम-विश्राम करने, शारीरिक तथा मानसिक तनाव अधिक हो जाने के कारण भी यह रोग व्यक्तियों को हो सकता है।
7. औषधियों का अधिक उपयोग करने के कारण भी माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो जाता है।
माइग्रेन रोग से पीड़ित व्यक्ति का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
1. इस रोग से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को रसाहार (चुकन्दर, ककड़ी, पत्तागोभी, गाजर का रस तथा नारियल पानी) आदि का सेवन भोजन में करना चाहिए और इसके साथ उपवास रखना चाहिए माइग्रेन रोग आधे सिर में दर्द से पीड़ित रोगी को अधिक मात्रा में पर चला। फल सलाद और कोट भोजन करना चाहिए। इसके बाद सामान्य भोजन का सेवन करना चाहिए।
2 रोगी व्यक्ति को अपने भोजन में मेथी। बथुआ। अंजीर। आंवला दीपू अनार अमरूद सेब संतरा तथा धनिया अधिक लेना चाहिए माइग्रेन रोग आधे सिर में दर्द से पीड़ित रोगी को भोजन संबंधित गलत आदतों जैसे रात के समय में देश से भोजन करना तथा समय पर भोजन न करना आदि को छोड़ देना चाहिए।
3 रोगी व्यक्ति को मसालेदार भोजन का उपयोग नहीं करना चाहिए इसके अलावा बातचीत। डिब्बाबंद और मिठाइयां आदि सेवा भी नहीं करना चाहिए।
4 माइग्रेन आधे सिर में दर्द रोगी में रोगी व्यक्ति को कुछ दिनों तक तुलसी के पत्ते का रस शहद के साथ सवा के समय में। काटना चाहिए तथा उसके अलावा। ट्यूब का रस भी सुबह के समय में चार्ट सत्यजीत के अलावा माइग्रेन रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
5 माइग्रेन रोग आधे सिर में दर्द का इलाज करने के लिए पीपल के कोमल पत्तों का रस। रोगी व्यक्ति को सुबह तथा शाम सेवन करने के लिए तेल के फल सब माइक्रोन लोग कुछ ही दिनों में ठीक हो सकते हैं।
6 माइग्रेन रोग का इलाज करने के लिए रोगी व्यक्ति के माथे पर पत्ता। पत्ता प्रतिदिन बांधना चाहिए जिसके अलावा यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
7 प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा नाक से भाप लेकर रोगी व्यक्ति को माइग्रेन रोग को ठीक किया जा सकता है नाक से भाप लेने के लिए सबसे पहले एक छोटे से बर्तन में गर्म पानी लेना चाहिए इसके बाद रोगी को उस बर्तन पर झुककर नाथ से भाग लेना चाहिए इस क्रिया को किसी कुछ दिन तक करने के बाद सब मर गए 2 को ही कुछ दिनों में ठीक हो सकता है।
8 माइक्रो रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार के स्नान भी होते हैं जिसे प्रतिदिन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है यह सुना। एक प्रकार है जीवन स्तर को जल महल कितना तथा। गर्भपात स्नान।
9 माइग्रेन आधे सिर में दर्द का रोग का इलाज करने के लिए प्रतिदिन ध्यान सभासद योगनिद्रा। प्रणब या फिर योग सर क्रिया करने चाहिए इसके अलावा यारो कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
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शरीर में विटामिन बी कंपलेक्स की कमी की वजह से आपको माइग्रेन रोग के लक्षण का सामना करना पड़ता है अगर आप माइग्रेन से मरीज है तो आप अपनी डाइट में बि कंपलेक्स को जरूर साबिर करें इसके साथ आपनी डाइट मे नॉन वेजिटेबल खाना का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। जैसे फिश, संडे, दूध दही, मक्खन का सेवन करें।
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